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🕉️ गुरु नानक जयंती 2025 – जीवन, शिक्षाएं, इतिहास और महत्व (Guru Nanak Jayanti Full Information in Hindi)
✨ परिचय
गुरु नानक जयंती, जिसे गुरुपरब या प्रकाश पर्व के नाम से भी जाना जाता है, सिख धर्म के प्रथम गुरु गुरु नानक देव जी के जन्म दिवस के रूप में मनाई जाती है। यह दिन न केवल सिख समुदाय के लिए बल्कि पूरे भारत और विश्व भर में मानवता का संदेश देने वाला एक पवित्र अवसर माना जाता है। गुरु नानक देव जी ने संसार को एकता, प्रेम, समानता और सेवा का मार्ग दिखाया। उनकी शिक्षाएं आज भी हर धर्म, हर समुदाय और हर व्यक्ति के लिए प्रेरणादायक हैं।
📜 गुरु नानक देव जी का जन्म और प्रारंभिक जीवन
गुरु नानक देव जी का जन्म 1469 ईस्वी में तलवंडी गाँव (वर्तमान में ननकाना साहिब, पाकिस्तान) में हुआ था। उनके पिता का नाम मेहता कालू और माता का नाम माता त्रिप्ता देवी था। बचपन से ही नानक जी अत्यंत बुद्धिमान और ईश्वर-भक्त प्रवृत्ति के थे।
वे जब छोटे थे, तभी उन्होंने दुनिया के रीतिरिवाजों, जात-पात और धर्म के भेदभाव पर प्रश्न उठाना शुरू कर दिया था। बचपन में ही उन्हें यह समझ आ गया था कि ईश्वर एक है और वह हर जगह मौजूद है।
उनके बचपन के साथी भाई मरदाना थे, जो बाद में उनके जीवन के सफर में सबसे विश्वसनीय साथी बने। गुरु नानक देव जी ने अपने जीवन में जो विचार प्रस्तुत किए, वे आज भी सिख धर्म की नींव हैं।
🌅 आध्यात्मिक यात्रा और शिक्षाएं
गुरु नानक देव जी ने जीवन के लगभग 20 वर्षों तक तीर्थ यात्रा की। उन्होंने भारत, अफगानिस्तान, तिब्बत, अरब और श्रीलंका तक भ्रमण किया। इन यात्राओं को “उदासियां” कहा जाता है। इन यात्राओं के दौरान उन्होंने लोगों को जाति, धर्म, ऊँच-नीच, और पाखंड से ऊपर उठकर सच्चे धर्म और मानवता के मार्ग पर चलने की प्रेरणा दी।
उनकी प्रमुख शिक्षाएं थीं —
- “एक ओंकार” – ईश्वर एक है।
- सच्चा नाम सिमरन करो।
- किरत करो, नाम जपो, वंड छको। (मेहनत से कमाओ, ईश्वर का नाम लो और दूसरों से बांटो)
- सबसे प्रेम करो और किसी से द्वेष मत रखो।
- नारी का सम्मान करो, क्योंकि वही सृष्टि की जननी है।
- समानता का भाव रखो, कोई ऊँचा-नीचा नहीं।
उनकी वाणी बाद में “गुरु ग्रंथ साहिब” में संकलित की गई, जो सिखों का पवित्र ग्रंथ है।
🕊️ गुरु नानक जयंती का महत्व
गुरु नानक जयंती केवल एक धार्मिक पर्व नहीं, बल्कि मानवता का उत्सव है। यह दिन हमें सिखाता है कि जीवन में धर्म का सार केवल पूजा या अनुष्ठान नहीं, बल्कि मानवता की सेवा है।
इस दिन का उद्देश्य गुरु नानक देव जी के विचारों को याद करना और उन्हें जीवन में उतारना है। उन्होंने समाज में जो सुधार किए, वे आज भी आधुनिक समाज के लिए अत्यंत प्रासंगिक हैं।
गुरु नानक जयंती का प्रमुख संदेश यह है कि –
“ईश्वर सबमें है, इसलिए सबका आदर करो और किसी से भेदभाव मत करो।”
🌼 गुरु नानक जयंती कैसे मनाई जाती है
गुरु नानक जयंती पूरे विश्व में बड़े हर्ष और श्रद्धा के साथ मनाई जाती है। विशेषकर भारत, पाकिस्तान, इंग्लैंड, कनाडा और अमेरिका में बसे सिख समुदाय के लोग इस दिन भव्य आयोजन करते हैं।
🌸 1. नगर कीर्तन
इस पर्व से पहले नगर कीर्तन निकाला जाता है। इसमें सिखों के पांच प्यारे (पंज प्यारे) सबसे आगे चलते हैं और गुरु ग्रंथ साहिब की पालकी सजाकर नगर भ्रमण किया जाता है।
भजन-कीर्तन, ढोल-नगाड़े, झांकियां और धार्मिक झंडे लेकर लोग पूरी श्रद्धा से चलते हैं।
🌸 2. गुरु ग्रंथ साहिब का अखंड पाठ
गुरु नानक जयंती से दो दिन पहले गुरुद्वारों में अखंड पाठ आरंभ होता है, जो लगातार 48 घंटे तक चलता है। इसमें गुरु ग्रंथ साहिब का पूरा पाठ किया जाता है।
🌸 3. लंगर सेवा
गुरुद्वारों में लंगर (भोजन सेवा) आयोजित की जाती है, जिसमें हर धर्म और वर्ग के लोग एक साथ बैठकर भोजन करते हैं। यह गुरु नानक देव जी की समानता और सेवा भावना का प्रतीक है।
🌸 4. कीर्तन और प्रभात फेरी
सुबह-सुबह प्रभात फेरियां निकाली जाती हैं, जिसमें श्रद्धालु गुरु नानक देव जी के भजन और शबद गाते हुए गलियों में निकलते हैं।
गुरुद्वारों में विशेष कीर्तन दरबार और प्रवचन होते हैं।
🌸 5. दीप सज्जा
रात के समय गुरुद्वारों और घरों को दीयों और रोशनी से सजाया जाता है। यह दृश्य दीपावली की तरह मनमोहक होता है।
🪔 गुरु नानक देव जी की प्रमुख शिक्षाएं
गुरु नानक देव जी ने समाज को जो 3 मूल सिद्धांत दिए, वे आज भी हर व्यक्ति के लिए जीवन का मार्गदर्शन हैं –
- नाम जपो – ईश्वर का स्मरण करो।
- किरत करो – ईमानदारी से मेहनत करो।
- वंड छको – अपनी कमाई का हिस्सा जरूरतमंदों में बांटो।
उन्होंने यह भी कहा –
“ना कोई हिंदू, ना कोई मुसलमान – सब एक ही परमात्मा की संतान हैं।”
यह वाक्य उस दौर में समाज के धार्मिक भेदभाव को तोड़ने वाला था।
🏵️ गुरु नानक देव जी का समाज सुधार में योगदान
गुरु नानक देव जी ने उस समय समाज में व्याप्त कई कुरीतियों और अंधविश्वासों का विरोध किया।
- उन्होंने जात-पात के भेदभाव को समाप्त करने का संदेश दिया।
- उन्होंने कहा कि ईश्वर किसी धर्म या जाति में सीमित नहीं।
- उन्होंने स्त्रियों के सम्मान की बात कही और उन्हें समान अधिकार दिए।
- उन्होंने मंदिर-मस्जिद की दीवारें तोड़कर मानवता का एक धर्म स्थापित किया।
उनकी शिक्षा का उद्देश्य था कि हर व्यक्ति सच्चे कर्म, सच्चे विचार और सच्चे जीवन से परमात्मा को प्राप्त कर सकता है।
🏞️ गुरु नानक देव जी की अंतिम यात्रा
गुरु नानक देव जी ने अपने जीवन के अंतिम वर्षों में करतारपुर (वर्तमान पाकिस्तान) में निवास किया। वहीं उन्होंने लोगों को आध्यात्मिक मार्ग दिखाते हुए 1539 ईस्वी में देह त्याग किया।
कहा जाता है कि उनके देहांत के बाद हिंदू और मुसलमान दोनों समुदायों में विवाद हुआ कि उनका अंतिम संस्कार कैसे किया जाए। लेकिन जब लोगों ने चादर हटाई तो वहां केवल फूल थे, जिससे सबने यह मान लिया कि गुरु नानक देव जी परमात्मा में विलीन हो गए।
💫 गुरु नानक देव जी के प्रेरणादायक विचार
- “सच्चा व्यापारी वही है जो सत्य का व्यापार करे।”
- “परमात्मा हर प्राणी के भीतर है, इसलिए किसी से भेदभाव मत करो।”
- “जो दूसरों की सेवा करता है, वही सच्चा भक्त है।”
- “एक ओंकार सतनाम – यही जीवन का सार है।”
- “दुनिया में कोई पराया नहीं, सब उसी एक के रूप हैं।”
🌺 गुरु नानक जयंती 2025 की तिथि
2025 में गुरु नानक जयंती 5 नवंबर (बुधवार) को मनाई जाएगी।
यह दिन कार्तिक पूर्णिमा के अवसर पर आता है, जो हिंदू पंचांग के अनुसार अत्यंत पवित्र तिथि मानी जाती है।
🌻 निष्कर्ष
गुरु नानक जयंती केवल एक धार्मिक पर्व नहीं, बल्कि यह मानवता, समानता और सच्चाई का उत्सव है।
गुरु नानक देव जी की शिक्षाएं हमें सिखाती हैं कि धर्म का असली अर्थ मंदिर-मस्जिद में नहीं, बल्कि मनुष्य के अच्छे कर्मों और उसके व्यवहार में है।
आज जब दुनिया में विभाजन, हिंसा और स्वार्थ बढ़ रहा है, गुरु नानक देव जी की शिक्षाएं पहले से कहीं अधिक प्रासंगिक हैं।
उनके बताए तीन मूल मंत्र – नाम जपो, किरत करो, वंड छको – हर इंसान के जीवन में सच्ची शांति और सुख का मार्ग दिखाते हैं।
मुझे उम्मीद है कि आपको यह जानकारी पसंद आई होगी। आपने यह पूरा आर्टिकल पढ़ा, इसके लिए आपका बहुत-बहुत धन्यवाद। 🙏
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