PM Gati Shakti Yojana 2025: देश को आत्मनिर्भर बनाने की दिशा


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प्रधानमंत्री गति शक्ति योजना 2025 – देश के विकास की नई दिशा

परिचय

भारत जैसे विशाल देश में विकास का आधार मजबूत अवसंरचना (Infrastructure) होती है। जब सड़के, रेलमार्ग, बंदरगाह, हवाई अड्डे और उद्योग क्षेत्र आपस में जुड़ जाते हैं, तभी अर्थव्यवस्था तेज़ी से आगे बढ़ती है। इसी उद्देश्य को साकार करने के लिए भारत सरकार ने “प्रधानमंत्री गति शक्ति राष्ट्रीय मास्टर प्लान” (PM Gati Shakti National Master Plan) की शुरुआत की है।
यह योजना भारत को “21वीं सदी की वैश्विक आर्थिक शक्ति” बनाने की दिशा में एक बड़ा कदम है। 2021 में शुरू हुई यह योजना अब 2025 में नए आयाम छू रही है और देश की विकास यात्रा को नई गति दे रही है।


प्रधानमंत्री गति शक्ति योजना क्या है?

प्रधानमंत्री गति शक्ति योजना एक “एकीकृत अवसंरचना विकास योजना” है, जिसका उद्देश्य देश के सभी प्रमुख बुनियादी ढाँचे (जैसे सड़क, रेल, जलमार्ग, हवाई मार्ग, गैस पाइपलाइन, पावर ग्रिड आदि) को एक ही प्लेटफॉर्म पर लाना है।
सरल शब्दों में कहें तो — यह योजना विभिन्न मंत्रालयों और विभागों के बीच तालमेल बिठाकर विकास परियोजनाओं को तेज़ी और कुशलता से पूरा करने का रोडमैप है।


योजना की शुरुआत कब और कैसे हुई?

प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी ने 13 अक्टूबर 2021 को इस योजना की घोषणा की थी।
भारत सरकार ने इसे “नेशनल मास्टर प्लान फॉर मल्टी-मॉडल कनेक्टिविटी” नाम दिया है।
2025 तक सरकार का लक्ष्य है कि देशभर में एक समग्र, पारदर्शी और तकनीकी रूप से सशक्त इंफ्रास्ट्रक्चर नेटवर्क तैयार हो जाए, जिससे हर परियोजना निर्धारित समय सीमा में पूरी हो।


प्रधानमंत्री गति शक्ति योजना का उद्देश्य

  1. विकास की गति बढ़ाना – परियोजनाओं के निर्माण और क्रियान्वयन में देरी को खत्म करना।
  2. समन्वय और पारदर्शिता लाना – सभी मंत्रालयों और राज्यों के बीच बेहतर तालमेल।
  3. लॉजिस्टिक कॉस्ट कम करना – भारत में परिवहन और सप्लाई चेन की लागत को घटाकर निर्यात को बढ़ावा देना।
  4. रोजगार के अवसर बढ़ाना – नई परियोजनाओं से लाखों युवाओं के लिए रोजगार सृजन।
  5. सस्टेनेबल डेवलपमेंट – पर्यावरण और विकास दोनों के बीच संतुलन बनाए रखना।
  6. डिजिटल मॉनिटरिंग सिस्टम – हर परियोजना की प्रगति को ऑनलाइन ट्रैक करना।

प्रधानमंत्री गति शक्ति योजना की मुख्य विशेषताएँ

  1. GIS आधारित डिजिटल प्लेटफॉर्म – यह योजना आधुनिक भू-स्थानिक सूचना प्रणाली (Geospatial Information System) पर आधारित है। इसमें 16 से अधिक मंत्रालयों का डेटा एकीकृत किया गया है।
  2. एकीकृत योजना (Integrated Planning) – रेलवे, सड़क, बंदरगाह, विमानन, ऊर्जा, दूरसंचार, जल संसाधन, और शहरी विकास को जोड़कर एक समग्र योजना तैयार की जाती है।
  3. रियल टाइम अपडेट – हर विभाग अपनी परियोजना का डेटा रियल टाइम में अपडेट कर सकता है।
  4. मल्टी-मॉडल कनेक्टिविटी – एक स्थान से दूसरे स्थान तक सामान या लोगों की आवाजाही कई माध्यमों से सुगम बनाना।
  5. प्रभावी उपयोग – भूमि, संसाधन और वित्तीय निवेश का अधिकतम उपयोग सुनिश्चित करना।

गति शक्ति योजना के अंतर्गत शामिल मंत्रालय

इस योजना में कुल 16 प्रमुख मंत्रालय शामिल हैं, जैसे –

  • सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय
  • रेलवे मंत्रालय
  • पोत परिवहन मंत्रालय
  • विमानन मंत्रालय
  • ऊर्जा मंत्रालय
  • दूरसंचार मंत्रालय
  • पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस मंत्रालय
  • रक्षा मंत्रालय
  • पर्यावरण एवं वन मंत्रालय
  • शहरी विकास मंत्रालय
  • जल शक्ति मंत्रालय
  • उद्योग और वाणिज्य मंत्रालय
  • ग्रामीण विकास मंत्रालय
  • कृषि मंत्रालय आदि।

इन मंत्रालयों के डेटा को एक प्लेटफॉर्म पर लाकर, योजना निर्माण से लेकर क्रियान्वयन तक समन्वय स्थापित किया जाता है।


2025 तक के लक्ष्य

प्रधानमंत्री गति शक्ति योजना के तहत भारत सरकार ने 2025 तक कई बड़े लक्ष्यों को तय किया है:

  1. भारतीय लॉजिस्टिक लागत को GDP के 8% तक घटाना
    वर्तमान में भारत में लॉजिस्टिक लागत लगभग 13-14% है। गति शक्ति के माध्यम से इसे वैश्विक स्तर के अनुरूप बनाना लक्ष्य है।

  2. राष्ट्रीय औद्योगिक कॉरिडोर का विस्तार
    11 से अधिक औद्योगिक कॉरिडोर और 2 लाख किलोमीटर नई सड़कों का निर्माण।

  3. रेलवे नेटवर्क का आधुनिकीकरण
    2025 तक 1000 से अधिक रेलवे स्टेशन का पुनर्विकास और समग्र रेल संपर्क योजना।

  4. बंदरगाह और हवाई अड्डों का बेहतर संयोजन
    माल ढुलाई के लिए समुद्री और हवाई मार्गों को एकीकृत करना।

  5. नई आर्थिक जोन और स्मार्ट सिटी विकास
    औद्योगिक क्षेत्रों के साथ ही नए निवेश केंद्र और स्मार्ट सिटी परियोजनाएँ।


गति शक्ति योजना के लाभ

  1. समय की बचत – परियोजनाएँ पहले जहां 5–10 साल में पूरी होती थीं, अब 2–3 साल में पूरी हो रही हैं।
  2. निवेश को प्रोत्साहन – घरेलू और विदेशी निवेशकों को भरोसेमंद ढांचा मिलता है।
  3. आर्थिक वृद्धि में तेजी – इंफ्रास्ट्रक्चर के विकास से GDP में सीधा इजाफा होता है।
  4. ग्रामीण क्षेत्रों का विकास – सड़कों, रेलमार्ग और डिजिटल कनेक्टिविटी से गांव भी विकास की मुख्यधारा में आते हैं।
  5. रोजगार में वृद्धि – निर्माण, लॉजिस्टिक्स, मैन्युफैक्चरिंग जैसे क्षेत्रों में लाखों नौकरियाँ।
  6. निर्यात में बढ़ोतरी – उत्पादन और परिवहन लागत घटने से अंतरराष्ट्रीय बाजार में प्रतिस्पर्धा बढ़ती है।

डिजिटल इंडिया और गति शक्ति का संबंध

प्रधानमंत्री गति शक्ति योजना डिजिटल इंडिया मिशन का एक सशक्त उदाहरण है।
जहां पहले अलग-अलग मंत्रालयों की योजनाएँ अलग-अलग डेटा पर चलती थीं, अब सभी एक डिजिटल प्लेटफॉर्म पर जुड़े हैं।
इससे न केवल पारदर्शिता बढ़ी है बल्कि निर्णय लेने की प्रक्रिया भी तेज हुई है।
क्लाउड-बेस्ड मॉनिटरिंग सिस्टम से प्रधानमंत्री कार्यालय और मंत्रालय रियल टाइम में परियोजनाओं की स्थिति देख सकते हैं।


गति शक्ति योजना और आत्मनिर्भर भारत

भारत सरकार की “आत्मनिर्भर भारत” की परिकल्पना को गति शक्ति योजना ने एक नई दिशा दी है।
जब देश का इंफ्रास्ट्रक्चर मजबूत होगा, तब ही “मेक इन इंडिया” और “स्टार्टअप इंडिया” जैसे कार्यक्रम सफल होंगे।
2025 तक भारत को एक “ग्लोबल मैन्युफैक्चरिंग हब” बनाने का जो सपना है, उसे पूरा करने में यह योजना मुख्य भूमिका निभा रही है।


चुनौतियाँ और समाधान

चुनौतियाँ:

  1. विभिन्न विभागों के बीच प्रारंभिक समन्वय की कमी।
  2. भूमि अधिग्रहण और पर्यावरणीय अनुमति में देरी।
  3. तकनीकी अवसंरचना का अभाव।
  4. राज्य स्तर पर नीति समरूपता की कमी।

संभावित समाधान:

  • सभी स्तरों पर डिजिटल मॉनिटरिंग सिस्टम को लागू करना।
  • राज्य सरकारों के साथ नीति तालमेल बढ़ाना।
  • स्थानीय स्तर पर जनभागीदारी को बढ़ावा देना।
  • पर्यावरणीय मानकों के अनुरूप सस्टेनेबल प्रोजेक्ट्स तैयार करना।

2025 में गति शक्ति योजना की स्थिति

2025 तक इस योजना के तहत देशभर में 100 से अधिक बड़ी परियोजनाएँ चालू हैं।

  • राष्ट्रीय राजमार्गों की लंबाई 1.5 लाख किमी से अधिक हो गई है।
  • लॉजिस्टिक पार्क और फ्रेट कॉरिडोर तेजी से बन रहे हैं।
  • रेल और पोर्ट कनेक्टिविटी में बड़ा सुधार हुआ है।
  • कई राज्यों में मल्टी-मॉडल ट्रांसपोर्ट नेटवर्क स्थापित हो चुके हैं।
    इससे भारत की आर्थिक वृद्धि दर में उल्लेखनीय बढ़ोतरी दर्ज की जा रही है।

निष्कर्ष

प्रधानमंत्री गति शक्ति योजना भारत के भविष्य की रूपरेखा है।
यह केवल एक अवसंरचना परियोजना नहीं, बल्कि “नए भारत के निर्माण की नींव” है।
यह योजना देश की अर्थव्यवस्था को नयी ऊँचाइयों तक ले जाने की क्षमता रखती है।
2025 में जब भारत अपनी विकास यात्रा के अगले चरण में प्रवेश कर रहा है, तब गति शक्ति योजना न केवल “देश की नई गति” बन चुकी है, बल्कि “विकास की नई दिशा” भी दे रही है।

मुझे उम्मीद है कि आपको यह जानकारी पसंद आई होगी। आपने यह पूरा आर्टिकल पढ़ा, इसके लिए आपका बहुत-बहुत धन्यवाद। 🙏

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